पांच दिनों से साफ रहे मौसम के बाद सोमवार को पूरे दिन बूंदाबांदी हुई। इससे फिर से ठंड का कहर बढ़ गया। ठंड और बूंदाबांदी होते रहने से लोग घरों में ही कैद रहे। इससे व्यापारियों का व्यापार चौपट रहा। बूंदाबांदी से सड़कों पर किचकिच की स्थिति रही। वहीं, सोमवार से स्कूलों में कक्षा 9 से 12 तक का शिक्षण कार्य शुरू करने से बच्चों को परेशानी रही। नए साल से पांच जनवरी तक मौसम साफ रहा। दिन में साफ धूप निकलने से कड़कड़ाती ठंड से कुछ राहत रही। इससे लोगों की दिनचर्या भी जारी रही, लेकिन पांच दिनों बाद बुधवार को फिर से घने बादल छा गए। सुबह 10 बजे से ही बूंदाबांदी शुरू हो गई। एक बार शुरू हुई बूंदाबांदी पूरे दिन जारी रही। इससे खुले वाहनों से घरों से निकलना मुश्किल रहा। जरूरी कामों को लेकर ही लोग घरों से निकले। ऐसे में पहले से ही मंदी की मार झेल रहे व्यापारी ग्राहकों की राह देखते रहे। तहसील में भी काम कराने के लिए बामुश्किल से ही लोग दिखाई दिए। सर्दी बढ़ने से सड़कों पर आवाजाही भी कम रही। गंगा के घाट भी दिनभर सूने पड़े रहे। पूरे दिन की बूंदाबांदी से सड़कों पर डाली गई मिट्टी से कीचड़ बन गई। ऐसे में लोगों का सड़कों पर चलना भी मुश्किल रहा। एनआईएच रुड़की के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. मनोहर अरोड़ा ने बताया कि अगले दो दिन बारिश होने का अनुमान है। इससे ठंड का असर पूरा रहेगा।
पूरे दिन की बूंदाबांदी से फिर शुरू हुआ ठंड का कहर